**दिल्ली वायु प्रदूषण: दीवाली पर प्रदूषण स्तर 3 सालों में सबसे अधिक**

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दिल्ली वायु प्रदूषण: दीवाली पर प्रदूषण स्तर 3 सालों में सबसे अधिक

दिल्ली में दीवाली के त्योहार के बाद वायु प्रदूषण का स्तर पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक दर्ज किया गया है। प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है, जिससे दिल्लीवासियों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

दीवाली के बाद प्रदूषण में तेजी:

  • दिल्ली में PM2.5 का स्तर 400 से अधिक: दीवाली के बाद दिल्ली में PM2.5 का स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक पाया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 16 गुना अधिक है।
  • वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब श्रेणी में: दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब श्रेणी में पहुंच गया है, जो 500 से ऊपर है।
  • दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक: दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले तीन वर्षों में दीवाली के बाद सबसे अधिक है।

प्रदूषण के कारण:

  • पटाखों का जलना: दीवाली पर पटाखों का जलना वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। पटाखों से निकलने वाले धुएं में कई हानिकारक रसायन होते हैं, जैसे कि कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड।
  • वाहन उत्सर्जन: वाहन उत्सर्जन भी वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। दिल्ली में वाहनों की संख्या बहुत अधिक है और उनके उत्सर्जन से वायु प्रदूषण बढ़ता है।
  • औद्योगिक प्रदूषण: औद्योगिक इकाइयाँ भी वायु प्रदूषण में योगदान करती हैं। कई कारखानों से निकलने वाले धुएं में हानिकारक गैसें और कण होते हैं, जो वायु प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
  • धूल: दिल्ली में निर्माण कार्य और धूल के तूफ़ान भी वायु प्रदूषण में योगदान करते हैं।

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव:

  • श्वसन रोग: वायु प्रदूषण श्वसन रोगों जैसे कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का खतरा बढ़ाता है।
  • हृदय रोग: वायु प्रदूषण हृदय रोगों जैसे कि दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ाता है।
  • कैंसर: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
  • बच्चों का विकास: वायु प्रदूषण बच्चों के विकास को प्रभावित कर सकता है, जिससे उन्हें श्वसन रोग, अस्थमा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

प्रदूषण को कम करने के उपाय:

  • पटाखों का उपयोग कम करें: पटाखों का उपयोग कम करें या बिल्कुल न करें।
  • वाहन उत्सर्जन कम करें: सार्वजनिक परिवहन, साइकिल या पैदल चलने का उपयोग करें।
  • औद्योगिक प्रदूषण कम करें: सरकार को औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए कड़े नियम बनाने चाहिए।
  • धूल नियंत्रण: निर्माण कार्य स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
  • पेड़ लगाएं: पेड़ वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिससे शहरवासियों की सेहत पर गंभीर खतरा है। प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

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